केंचुली MOULTING
केंचुली त्वचा की मृत पेशियों की झिल्ली होती है। साँप हर दो-तीन महीने बाद अपनी केंचुली निकालता है। छोटे बच्चे तेज़ी से बड़े होते हुए शरीर के कारण अपनी केंचुली ज़्यादा बार छोड़ते हैं।
केंचुली छोड़ने के पहले साँप थोडे समय तक कुछ नहीं खाते। इस दौरान उनके आँखों के सामने एक सफ़ेद-सी झिल्ली बन जाती है। इस वजह से उनको धुँधला दिखने लगता है। इस दौरान साँप बहुत गुस्सैल और चिड़चिड़े हो जाते हैं।
केंचुली छोड़ने के दो दिन पहले से साँप की आँखें सफ़ेद दिखने लगती हैं और शरीर धुँधला हो जाता है। इस समय साँप बेचैनी से घूमने लगता है और अपना सिर किसी खुरदरे पत्थर से रगड़ते हुए केंचुली छोड़ना प्रारंभ करता है। पत्थर, पेड़ की खाल अथवा और कोई खुरदरी सतह वाली वस्तु से अपना सिर रगड़ने की वजह से उसके मुँह के पास की केंचुली पहले फटती है। शुरू में साँप अपने सिर की केंचुली छोड़ता है और बाकी की केंचुली छोड़ने के लिए पत्थरों या दो डालियों के बीच से निकल जाता है। ऐसा करने से, केंचुली का अंदर वाला हिस्सा बाहर और बाहर वाला हिस्सा अंदर चला जाता है, और केंचुली निकल आती है। कभी-कभी केंचुली वाला साँप पानी में जा बैठता है और इसी वजह से केंचुली नरम होकर आसानी से निकल आती है।
साँप की केंचुली सफ़ेद और हल्की होती है। उसके शरीर के ऊपर का अलंकरण कई बार केंचुली पर भी हल्का-सा दिखाई देता है। साँप के शरीर और केंचुली के बीच में जमें हुए लिम्फॅटिक (Lymphatic) स्राव की वजह से साँप का शरीर सफ़ेद दिखने लगता है। केंचुली छोड़ने में साँप को लगभग दस दिन लग जाते हैं।
आसपास का वातावरण अर्थात तापमान, आर्द्रता, प्रकाश केंचुली छोड़ने के लिए अयोग्य होने से या फिर साँप बीमार होने पर केंचुली टुकड़ों में निकलती है।